दो - इन्द्र्याणि च संयम्य Posted by roushan on January 02, 2021 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps इन्द्र्याणि च संयम्य बक्वत्पंडितो नरः।देशकालबलं ज्ञात्वा सर्व कार्याणि साधयेत्।।(चाणक्यनीति) बगुले की भाँति इन्द्रियों को वश में करके, देश काल एवं बल को जानकर विद्वानों को अपना कार्य सफल करना चाहिए। Comments
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