छत से From the roof Posted by roushan on January 15, 2009 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps : रौशनPhoto: roushan Comments rajivJanuary 20, 2009 at 1:39 AMमैने कहा आदाब अर्ज है रोशन साहब. ईमानदारी के पैसे से बगीचे लायक प्लाट भले ही न मिलता हो लेकिन जो सुकून मिलता है उसे बड़ी बड़ी कोठियों वाले अक्सर नहीं खरीद पाते . जरा गौर से देखिए पॉश कालानियों में आपको बड़ी बड़ी कोठियों में मरघट भी नजर आएंगे.ReplyDeleteRepliesReplyAdd commentLoad more... Post a Comment
मैने कहा आदाब अर्ज है रोशन साहब. ईमानदारी के पैसे से बगीचे लायक प्लाट भले ही न मिलता हो लेकिन जो सुकून मिलता है उसे बड़ी बड़ी कोठियों वाले अक्सर नहीं खरीद पाते . जरा गौर से देखिए पॉश कालानियों में आपको बड़ी बड़ी कोठियों में मरघट भी नजर आएंगे.
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