छत से From the roof


: रौशन
Photo: roushan

Comments

  1. मैने कहा आदाब अर्ज है रोशन साहब. ईमानदारी के पैसे से बगीचे लायक प्लाट भले ही न मिलता हो लेकिन जो सुकून मिलता है उसे बड़ी बड़ी कोठियों वाले अक्सर नहीं खरीद पाते . जरा गौर से देखिए पॉश कालानियों में आपको बड़ी बड़ी कोठियों में मरघट भी नजर आएंगे.

    ReplyDelete

Post a Comment